Hindī kāvya para Āṅgla prabhāvaPadmajā Prakāśana, 1954 - 301 σελίδες |
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Αποτελέσματα 1 - 3 από τα 93.
Σελίδα 27
... करने में प्रेस का माध्यम रूप में कार्य अत्यधिक महत्व का रहा है वह प्रारम्भ ही से भारतीय विद्वानों के । हाथ में एक शक्तिशाली स्त्र ...
... करने में प्रेस का माध्यम रूप में कार्य अत्यधिक महत्व का रहा है वह प्रारम्भ ही से भारतीय विद्वानों के । हाथ में एक शक्तिशाली स्त्र ...
Σελίδα 66
... की अभिव्यक्ति हिन्दी कवियों के द्वारा भी हुई । अतः हम भारतेन्दु को विदेशी वस्तुओं का प्रयोग करने वाले लोगों की निन्दा करते हुये ...
... की अभिव्यक्ति हिन्दी कवियों के द्वारा भी हुई । अतः हम भारतेन्दु को विदेशी वस्तुओं का प्रयोग करने वाले लोगों की निन्दा करते हुये ...
Σελίδα 69
Ravīndra Sahāya Varmā. भारतेन्दु युग की कविता आर्थिक शोषण को व्यक्त करने में और जन- मन की भावनाओं को मुखरित करने में सफल हुई है । कलाकार की ...
Ravīndra Sahāya Varmā. भारतेन्दु युग की कविता आर्थिक शोषण को व्यक्त करने में और जन- मन की भावनाओं को मुखरित करने में सफल हुई है । कलाकार की ...
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अंग्रेजी अतिरिक्त अथवा अधिक अनेक अपनी अपने इन इस इस प्रकार इसके इसी ईश्वर उनकी उनके उन्होंने उसकी उसके उसे एवं और कर करता करते हैं कवि कविता में कवियों का कारण कार्य काल काव्य की काव्य में किन्तु किया किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के लिये केवल को गया गये छन्द जयशंकर प्रसाद जाता जीवन जो तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दो दोनों द्वारा द्विवेदी द्विवेदी युग धर्म नवीन नहीं नारी निराला ने पन्त पर पाश्चात्य पृ० प्रकृति प्रतीत प्रभाव प्रयोग प्रवृत्ति प्रसाद प्रिय प्रेम बहुत भारत भारत में भारतीय भारतेन्दु भाषा भी में भी यह युग रहस्यवादी रहा रोमांटिक वर्णन वह विकास विचार विषय वे श्रादि श्रीधर पाठक संस्कृति सब समय समस्त समाज सुमित्रानन्दन पन्त से हम हमें हिन्दी कविता हिन्दी काव्य हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो होता है होने