Hindī kāvya para Āṅgla prabhāvaPadmajā Prakāśana, 1954 - 301 σελίδες |
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Σελίδα 75
... के अध्ययन से भारतीयों के सम्मुख विचार और अनुभूति का एक स्पृहणीय मार्ग प्रशस्त हो गया । श्रनेक अंग्रेज़ी ग्रन्थों का हिन्दी में ...
... के अध्ययन से भारतीयों के सम्मुख विचार और अनुभूति का एक स्पृहणीय मार्ग प्रशस्त हो गया । श्रनेक अंग्रेज़ी ग्रन्थों का हिन्दी में ...
Σελίδα 82
Ravīndra Sahāya Varmā. अंग्रेजी काव्य के प्रभाव के परिणामस्वरूप हिन्दी में एक और नवीन शैली के वर्णनात्मक काव्य का श्रीगणेश हुश्रा । इस काव्य ...
Ravīndra Sahāya Varmā. अंग्रेजी काव्य के प्रभाव के परिणामस्वरूप हिन्दी में एक और नवीन शैली के वर्णनात्मक काव्य का श्रीगणेश हुश्रा । इस काव्य ...
Σελίδα 130
... के बीच सांस्कृतिक श्रादान - प्रदान और भी सरल हो गया । इन सब घटनाओं के कारण हमारी विचारधारा एवं जीवन में भी अनेक परिवर्तन हुए ...
... के बीच सांस्कृतिक श्रादान - प्रदान और भी सरल हो गया । इन सब घटनाओं के कारण हमारी विचारधारा एवं जीवन में भी अनेक परिवर्तन हुए ...
Συχνά εμφανιζόμενοι όροι και φράσεις
अंग्रेजी अतिरिक्त अथवा अधिक अनेक अपनी अपने इन इस इस प्रकार इसके इसी ईश्वर उनकी उनके उन्होंने उसकी उसके उसे एवं और कर करता करते हैं कवि कविता में कवियों का कारण कार्य काल काव्य की काव्य में किन्तु किया किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के लिये केवल को गया गये छन्द जयशंकर प्रसाद जाता जीवन जो तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दो दोनों द्वारा द्विवेदी द्विवेदी युग धर्म नवीन नहीं नारी निराला ने पन्त पर पाश्चात्य पृ० प्रकृति प्रतीत प्रभाव प्रयोग प्रवृत्ति प्रसाद प्रिय प्रेम बहुत भारत भारत में भारतीय भारतेन्दु भाषा भी में भी यह युग रहस्यवादी रहा रोमांटिक वर्णन वह विकास विचार विषय वे श्रादि श्रीधर पाठक संस्कृति सब समय समस्त समाज सुमित्रानन्दन पन्त से हम हमें हिन्दी कविता हिन्दी काव्य हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो होता है होने