Hindī kāvya para Āṅgla prabhāvaPadmajā Prakāśana, 1954 - 301 σελίδες |
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Σελίδα 135
Ravīndra Sahāya Varmā. भावना थी , कौलिन्स के काव्य ने कवि की रुद्ध श्रात्मा को कल्पना- क्षेत्र में विचरण करने के लिये नवीन मार्ग प्रशस्त किए ...
Ravīndra Sahāya Varmā. भावना थी , कौलिन्स के काव्य ने कवि की रुद्ध श्रात्मा को कल्पना- क्षेत्र में विचरण करने के लिये नवीन मार्ग प्रशस्त किए ...
Σελίδα 152
... काव्य में होता है । रवीन्द्रनाथ टैगोर , जिन पर इन सौन्दर्यवादी कवियों का गहरा प्रभाव पड़ा है , श्राधुनिक भारतीय साहित्य में एक ...
... काव्य में होता है । रवीन्द्रनाथ टैगोर , जिन पर इन सौन्दर्यवादी कवियों का गहरा प्रभाव पड़ा है , श्राधुनिक भारतीय साहित्य में एक ...
Σελίδα 224
... कवियों ने काव्य के बाह्य रूप में भी परिवर्तन किया है— वे सब रोमांसवादी प्रतीकों और बिम्बों के विरोध में है , और अपनी कविता की वाणी ...
... कवियों ने काव्य के बाह्य रूप में भी परिवर्तन किया है— वे सब रोमांसवादी प्रतीकों और बिम्बों के विरोध में है , और अपनी कविता की वाणी ...
Συχνά εμφανιζόμενοι όροι και φράσεις
अंग्रेजी अतिरिक्त अथवा अधिक अनेक अपनी अपने इन इस इस प्रकार इसके इसी ईश्वर उनकी उनके उन्होंने उसकी उसके उसे एवं और कर करता करते हैं कवि कविता में कवियों का कारण कार्य काल काव्य की काव्य में किन्तु किया किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के लिये केवल को गया गये छन्द जयशंकर प्रसाद जाता जीवन जो तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दो दोनों द्वारा द्विवेदी द्विवेदी युग धर्म नवीन नहीं नारी निराला ने पन्त पर पाश्चात्य पृ० प्रकृति प्रतीत प्रभाव प्रयोग प्रवृत्ति प्रसाद प्रिय प्रेम बहुत भारत भारत में भारतीय भारतेन्दु भाषा भी में भी यह युग रहस्यवादी रहा रोमांटिक वर्णन वह विकास विचार विषय वे श्रादि श्रीधर पाठक संस्कृति सब समय समस्त समाज सुमित्रानन्दन पन्त से हम हमें हिन्दी कविता हिन्दी काव्य हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो होता है होने