Hindī kāvya para Āṅgla prabhāvaPadmajā Prakāśana, 1954 - 301 σελίδες |
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Αποτελέσματα 1 - 3 από τα 90.
Σελίδα 10
... था । सम्राट्टों के हरम में हजारों स्त्रियाँ रखी जाती थीं , जिनपर बुरी तरह धन व्यय किया जाता था । औरंगज़ेब ने समाप्त करने का प्रयत्न ...
... था । सम्राट्टों के हरम में हजारों स्त्रियाँ रखी जाती थीं , जिनपर बुरी तरह धन व्यय किया जाता था । औरंगज़ेब ने समाप्त करने का प्रयत्न ...
Σελίδα 11
... था । औरंगज़ेब की मृत्यु के बाद तो यदि किसी प्रकार का उत्साह शेष था तो वह जीवन की रंगीनियों के लिए । धर्म का केवल बाह्य रूप ही शेष रह ...
... था । औरंगज़ेब की मृत्यु के बाद तो यदि किसी प्रकार का उत्साह शेष था तो वह जीवन की रंगीनियों के लिए । धर्म का केवल बाह्य रूप ही शेष रह ...
Σελίδα 204
... था | ब्लेक के अनुसार तो विज्ञान एक दैत्य शक्ति थी । ब्लेक का धर्म व्यक्तिगत ढंग का था और वह केवल उी को प्रमाणिक मानता था । तर्क और ...
... था | ब्लेक के अनुसार तो विज्ञान एक दैत्य शक्ति थी । ब्लेक का धर्म व्यक्तिगत ढंग का था और वह केवल उी को प्रमाणिक मानता था । तर्क और ...
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अंग्रेजी अतिरिक्त अथवा अधिक अनेक अपनी अपने इन इस इस प्रकार इसके इसी ईश्वर उनकी उनके उन्होंने उसकी उसके उसे एवं और कर करता करते हैं कवि कविता में कवियों का कारण कार्य काल काव्य की काव्य में किन्तु किया किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के लिये केवल को गया गये छन्द जयशंकर प्रसाद जाता जीवन जो तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दो दोनों द्वारा द्विवेदी द्विवेदी युग धर्म नवीन नहीं नारी निराला ने पन्त पर पाश्चात्य पृ० प्रकृति प्रतीत प्रभाव प्रयोग प्रवृत्ति प्रसाद प्रिय प्रेम बहुत भारत भारत में भारतीय भारतेन्दु भाषा भी में भी यह युग रहस्यवादी रहा रोमांटिक वर्णन वह विकास विचार विषय वे श्रादि श्रीधर पाठक संस्कृति सब समय समस्त समाज सुमित्रानन्दन पन्त से हम हमें हिन्दी कविता हिन्दी काव्य हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो होता है होने