Hindī kāvya para Āṅgla prabhāvaPadmajā Prakāśana, 1954 - 301 σελίδες |
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Αποτελέσματα 1 - 3 από τα 86.
Σελίδα 89
... द्वारा ' सरस्वती ' फर्वरी · १६०७ ) , होमर ( खुशीलाल वर्मा द्वारा , ' सरस्वती ' मार्च १६०४ , ) मिल्टन ( बद्री- नारायण भट्ट द्वारा , ' सरस्वती ...
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Σελίδα 91
... द्वारा | ' तरुणी तूचल बसी श्रभी ' गौरीदत्त बाजपेई द्वारा अगस्त १६०४ लांगफेलो की ' Psalm of life . ' ' जीवन गीत ' लक्ष्मी नारायण द्वारा ...
... द्वारा | ' तरुणी तूचल बसी श्रभी ' गौरीदत्त बाजपेई द्वारा अगस्त १६०४ लांगफेलो की ' Psalm of life . ' ' जीवन गीत ' लक्ष्मी नारायण द्वारा ...
Σελίδα 113
... द्वारा हो सकती है , और यह विकास मानवहितवादी धर्म के प्रसार - द्वारा ही सम्भव है । ५४ यद्यपि काटे का अनीश्वरवादी दर्शन भारतीय ...
... द्वारा हो सकती है , और यह विकास मानवहितवादी धर्म के प्रसार - द्वारा ही सम्भव है । ५४ यद्यपि काटे का अनीश्वरवादी दर्शन भारतीय ...
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अंग्रेजी अतिरिक्त अथवा अधिक अनेक अपनी अपने इन इस इस प्रकार इसके इसी ईश्वर उनकी उनके उन्होंने उसकी उसके उसे एवं और कर करता करते हैं कवि कविता में कवियों का कारण कार्य काल काव्य की काव्य में किन्तु किया किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के लिये केवल को गया गये छन्द जयशंकर प्रसाद जाता जीवन जो तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दो दोनों द्वारा द्विवेदी द्विवेदी युग धर्म नवीन नहीं नारी निराला ने पन्त पर पाश्चात्य पृ० प्रकृति प्रतीत प्रभाव प्रयोग प्रवृत्ति प्रसाद प्रिय प्रेम बहुत भारत भारत में भारतीय भारतेन्दु भाषा भी में भी यह युग रहस्यवादी रहा रोमांटिक वर्णन वह विकास विचार विषय वे श्रादि श्रीधर पाठक संस्कृति सब समय समस्त समाज सुमित्रानन्दन पन्त से हम हमें हिन्दी कविता हिन्दी काव्य हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो होता है होने