Hindī kāvya para Āṅgla prabhāvaPadmajā Prakāśana, 1954 - 301 σελίδες |
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Αποτελέσματα 1 - 3 από τα 49.
Σελίδα 178
... पन्त जी का ' गुञ्जन ' का स्वप्न ' ज्योत्सना ' में पूरा होता है । पन्त स्वयं कहते हैं कि " पल्लव- कालीन जिज्ञासा तथा अवसाद की कुहा से ...
... पन्त जी का ' गुञ्जन ' का स्वप्न ' ज्योत्सना ' में पूरा होता है । पन्त स्वयं कहते हैं कि " पल्लव- कालीन जिज्ञासा तथा अवसाद की कुहा से ...
Σελίδα 210
... पन्त के ' ज्योत्सना ' रूपक के भी चरित्र , ज्योत्सना , सौरभ , कल्पना , उषा , शशि , पवन , भौरें , फूल , लहर , तितलियाँ आदि हैं । पन्त ने इन ...
... पन्त के ' ज्योत्सना ' रूपक के भी चरित्र , ज्योत्सना , सौरभ , कल्पना , उषा , शशि , पवन , भौरें , फूल , लहर , तितलियाँ आदि हैं । पन्त ने इन ...
Σελίδα 251
... पन्त ने निर्देशन का कार्य किया है । 1 . पन्त के अनुसार इस हासोन्मुखी संस्कृति का कारण समन्वय का श्रभाव है । यदि कोई ' मैटर ' अथवा ...
... पन्त ने निर्देशन का कार्य किया है । 1 . पन्त के अनुसार इस हासोन्मुखी संस्कृति का कारण समन्वय का श्रभाव है । यदि कोई ' मैटर ' अथवा ...
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अंग्रेजी अतिरिक्त अथवा अधिक अनेक अपनी अपने इन इस इस प्रकार इसके इसी ईश्वर उनकी उनके उन्होंने उसकी उसके उसे एवं और कर करता करते हैं कवि कविता में कवियों का कारण कार्य काल काव्य की काव्य में किन्तु किया किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के लिये केवल को गया गये छन्द जयशंकर प्रसाद जाता जीवन जो तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दो दोनों द्वारा द्विवेदी द्विवेदी युग धर्म नवीन नहीं नारी निराला ने पन्त पर पाश्चात्य पृ० प्रकृति प्रतीत प्रभाव प्रयोग प्रवृत्ति प्रसाद प्रिय प्रेम बहुत भारत भारत में भारतीय भारतेन्दु भाषा भी में भी यह युग रहस्यवादी रहा रोमांटिक वर्णन वह विकास विचार विषय वे श्रादि श्रीधर पाठक संस्कृति सब समय समस्त समाज सुमित्रानन्दन पन्त से हम हमें हिन्दी कविता हिन्दी काव्य हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो होता है होने