Hindī kāvya para Āṅgla prabhāvaPadmajā Prakāśana, 1954 - 301 σελίδες |
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Σελίδα 4
... पर राजनीतिक दृष्टि से विजयी होने में तो सफल हुए पर भारतीय जनता के हृदय पर शासन करने में सर्वथा असमर्थ रहे । साहित्य राष्ट्र की ...
... पर राजनीतिक दृष्टि से विजयी होने में तो सफल हुए पर भारतीय जनता के हृदय पर शासन करने में सर्वथा असमर्थ रहे । साहित्य राष्ट्र की ...
Σελίδα 5
... पर पाश्चात्य प्रभाव संबंधी विषय पर अनेक ग्रंथ प्रकाशित किये गए । इस विशेष क्षेत्र में प्रियारंजन सेन का कार्य प्रशंसनीय है । उनके ...
... पर पाश्चात्य प्रभाव संबंधी विषय पर अनेक ग्रंथ प्रकाशित किये गए । इस विशेष क्षेत्र में प्रियारंजन सेन का कार्य प्रशंसनीय है । उनके ...
Σελίδα 92
... पर काव्य लिखे । मैथिलीशरण गुप्त ने अंग्रेजी जलयान ' टाइटेनिक ' ( Titanic ) के प्रतलांतिक सागर में मग्न होने पर कविता लिखी । ७ अग्रेजी ...
... पर काव्य लिखे । मैथिलीशरण गुप्त ने अंग्रेजी जलयान ' टाइटेनिक ' ( Titanic ) के प्रतलांतिक सागर में मग्न होने पर कविता लिखी । ७ अग्रेजी ...
Συχνά εμφανιζόμενοι όροι και φράσεις
अंग्रेजी अतिरिक्त अथवा अधिक अनेक अपनी अपने इन इस इस प्रकार इसके इसी ईश्वर उनकी उनके उन्होंने उसकी उसके उसे एवं और कर करता करते हैं कवि कविता में कवियों का कारण कार्य काल काव्य की काव्य में किन्तु किया किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के लिये केवल को गया गये छन्द जयशंकर प्रसाद जाता जीवन जो तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दो दोनों द्वारा द्विवेदी द्विवेदी युग धर्म नवीन नहीं नारी निराला ने पन्त पर पाश्चात्य पृ० प्रकृति प्रतीत प्रभाव प्रयोग प्रवृत्ति प्रसाद प्रिय प्रेम बहुत भारत भारत में भारतीय भारतेन्दु भाषा भी में भी यह युग रहस्यवादी रहा रोमांटिक वर्णन वह विकास विचार विषय वे श्रादि श्रीधर पाठक संस्कृति सब समय समस्त समाज सुमित्रानन्दन पन्त से हम हमें हिन्दी कविता हिन्दी काव्य हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो होता है होने