Hindī kāvya para Āṅgla prabhāvaPadmajā Prakāśana, 1954 - 301 σελίδες |
Αναζήτηση στο βιβλίο
Αποτελέσματα 1 - 3 από τα 42.
Σελίδα 95
... प्रयोग का विधान भी श्रावश्यक समझा । इस श्रतुकान्त छन्द का प्रयोग बहुत पहले अंग्रेजी । से बँगला काव्य में माइकेल मधुसूदन द्वारा हो ...
... प्रयोग का विधान भी श्रावश्यक समझा । इस श्रतुकान्त छन्द का प्रयोग बहुत पहले अंग्रेजी । से बँगला काव्य में माइकेल मधुसूदन द्वारा हो ...
Σελίδα 126
... प्रयोग हुये थे , रचना की गई । इसके अतिरिक्त रोमांटिक प्रेम के प्रबन्ध - काव्यों की भी , जिसकी परम्परा गोल्डस्मिथ के ' द हर्मिट ' के ...
... प्रयोग हुये थे , रचना की गई । इसके अतिरिक्त रोमांटिक प्रेम के प्रबन्ध - काव्यों की भी , जिसकी परम्परा गोल्डस्मिथ के ' द हर्मिट ' के ...
Σελίδα 215
... प्रयोगों को अपने निबंध ' काव्य में प्रयोग ' ( ' Experiment in Pcetry ' ) में , जो उनके संग्रह ' परम्परा और प्रयोग ' ( ' Tradition and Experiment ' ) में सम्मिलित ...
... प्रयोगों को अपने निबंध ' काव्य में प्रयोग ' ( ' Experiment in Pcetry ' ) में , जो उनके संग्रह ' परम्परा और प्रयोग ' ( ' Tradition and Experiment ' ) में सम्मिलित ...
Συχνά εμφανιζόμενοι όροι και φράσεις
अंग्रेजी अतिरिक्त अथवा अधिक अनेक अपनी अपने इन इस इस प्रकार इसके इसी ईश्वर उनकी उनके उन्होंने उसकी उसके उसे एवं और कर करता करते हैं कवि कविता में कवियों का कारण कार्य काल काव्य की काव्य में किन्तु किया किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के लिये केवल को गया गये छन्द जयशंकर प्रसाद जाता जीवन जो तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दो दोनों द्वारा द्विवेदी द्विवेदी युग धर्म नवीन नहीं नारी निराला ने पन्त पर पाश्चात्य पृ० प्रकृति प्रतीत प्रभाव प्रयोग प्रवृत्ति प्रसाद प्रिय प्रेम बहुत भारत भारत में भारतीय भारतेन्दु भाषा भी में भी यह युग रहस्यवादी रहा रोमांटिक वर्णन वह विकास विचार विषय वे श्रादि श्रीधर पाठक संस्कृति सब समय समस्त समाज सुमित्रानन्दन पन्त से हम हमें हिन्दी कविता हिन्दी काव्य हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो होता है होने