Hindī kāvya para Āṅgla prabhāvaPadmajā Prakāśana, 1954 - 301 σελίδες |
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Σελίδα 119
... प्रवृत्ति भी पाई जाती है । बंगला में बंकिम ने ' बन्दे - मातरम् ' गीत में भारत देश के प्राकृतिक दृश्यों का वर्णन किया है । बंग - भंग के ...
... प्रवृत्ति भी पाई जाती है । बंगला में बंकिम ने ' बन्दे - मातरम् ' गीत में भारत देश के प्राकृतिक दृश्यों का वर्णन किया है । बंग - भंग के ...
Σελίδα 183
... प्रवृत्ति स्पष्ट रूप से दिखाई देती है । इस निराशावाद का कारण यह है कि १६ वीं शती में स्पेंसर , डार्विन , हक्सले इत्यादि की वैज्ञानिक ...
... प्रवृत्ति स्पष्ट रूप से दिखाई देती है । इस निराशावाद का कारण यह है कि १६ वीं शती में स्पेंसर , डार्विन , हक्सले इत्यादि की वैज्ञानिक ...
Σελίδα 196
... प्रवृत्तियां ये हैं- प्रथम , श्रात्मा की वह प्रवृत्ति जिसके द्वारा वह श्रपने खोये हुये घर ( ' lost house ' ) की खोज करने के लिए प्रेरित ...
... प्रवृत्तियां ये हैं- प्रथम , श्रात्मा की वह प्रवृत्ति जिसके द्वारा वह श्रपने खोये हुये घर ( ' lost house ' ) की खोज करने के लिए प्रेरित ...
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अंग्रेजी अतिरिक्त अथवा अधिक अनेक अपनी अपने इन इस इस प्रकार इसके इसी ईश्वर उनकी उनके उन्होंने उसकी उसके उसे एवं और कर करता करते हैं कवि कविता में कवियों का कारण कार्य काल काव्य की काव्य में किन्तु किया किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के लिये केवल को गया गये छन्द जयशंकर प्रसाद जाता जीवन जो तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दो दोनों द्वारा द्विवेदी द्विवेदी युग धर्म नवीन नहीं नारी निराला ने पन्त पर पाश्चात्य पृ० प्रकृति प्रतीत प्रभाव प्रयोग प्रवृत्ति प्रसाद प्रिय प्रेम बहुत भारत भारत में भारतीय भारतेन्दु भाषा भी में भी यह युग रहस्यवादी रहा रोमांटिक वर्णन वह विकास विचार विषय वे श्रादि श्रीधर पाठक संस्कृति सब समय समस्त समाज सुमित्रानन्दन पन्त से हम हमें हिन्दी कविता हिन्दी काव्य हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो होता है होने