Hindī kāvya para Āṅgla prabhāvaPadmajā Prakāśana, 1954 - 301 σελίδες |
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Σελίδα 72
... बहुत कुछ सामाजिक सुधार होने की हमें आशा है । श्रार्य समाज ही अप्रत्यक्ष रीति से सनातन धर्म की रक्षा करेगा । १३३ अतः भारतेन्दु अपने ...
... बहुत कुछ सामाजिक सुधार होने की हमें आशा है । श्रार्य समाज ही अप्रत्यक्ष रीति से सनातन धर्म की रक्षा करेगा । १३३ अतः भारतेन्दु अपने ...
Σελίδα 255
... बहुत शक्ति- शाली प्रभाव रहा है । डा ० नगेन्द्र का यह कथन कि - " आधुनिक युग के विधायक कवियों में पंत को जो पुरातन के प्रति सबसे कम मोह ...
... बहुत शक्ति- शाली प्रभाव रहा है । डा ० नगेन्द्र का यह कथन कि - " आधुनिक युग के विधायक कवियों में पंत को जो पुरातन के प्रति सबसे कम मोह ...
Σελίδα 281
... बहुत प्रिय लगा है । विशेषकर उसकी ' कामे- ' डीज़ ' और ' रोमांसेज ' तो मुझे बहुत ही अच्छे लगे हैं । Midsummer Night's Dream और Tempest का परियों का जगत बहुत ...
... बहुत प्रिय लगा है । विशेषकर उसकी ' कामे- ' डीज़ ' और ' रोमांसेज ' तो मुझे बहुत ही अच्छे लगे हैं । Midsummer Night's Dream और Tempest का परियों का जगत बहुत ...
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अंग्रेजी अतिरिक्त अथवा अधिक अनेक अपनी अपने इन इस इस प्रकार इसके इसी ईश्वर उनकी उनके उन्होंने उसकी उसके उसे एवं और कर करता करते हैं कवि कविता में कवियों का कारण कार्य काल काव्य की काव्य में किन्तु किया किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के लिये केवल को गया गये छन्द जयशंकर प्रसाद जाता जीवन जो तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दो दोनों द्वारा द्विवेदी द्विवेदी युग धर्म नवीन नहीं नारी निराला ने पन्त पर पाश्चात्य पृ० प्रकृति प्रतीत प्रभाव प्रयोग प्रवृत्ति प्रसाद प्रिय प्रेम बहुत भारत भारत में भारतीय भारतेन्दु भाषा भी में भी यह युग रहस्यवादी रहा रोमांटिक वर्णन वह विकास विचार विषय वे श्रादि श्रीधर पाठक संस्कृति सब समय समस्त समाज सुमित्रानन्दन पन्त से हम हमें हिन्दी कविता हिन्दी काव्य हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो होता है होने