Hindī kāvya para Āṅgla prabhāvaPadmajā Prakāśana, 1954 - 301 σελίδες |
Αναζήτηση στο βιβλίο
Αποτελέσματα 1 - 3 από τα 87.
Σελίδα 109
... वे पीड़ित किसानों की शोचनीय स्थिति का हृदय विदारक चित्र प्रस्तुत करते हैं तथा अपने वर्णनात्मक काव्य ' किसान ' में वे सामाजिक और ...
... वे पीड़ित किसानों की शोचनीय स्थिति का हृदय विदारक चित्र प्रस्तुत करते हैं तथा अपने वर्णनात्मक काव्य ' किसान ' में वे सामाजिक और ...
Σελίδα 185
... वे केवल इस संसार में हो विश्वास रखते हैं और इस छोटे से जीवन को सुख से व्यतीत करने के लिए वे प्रबल श्राकांक्षा रखते : अमरों ने अमृत ...
... वे केवल इस संसार में हो विश्वास रखते हैं और इस छोटे से जीवन को सुख से व्यतीत करने के लिए वे प्रबल श्राकांक्षा रखते : अमरों ने अमृत ...
Σελίδα 259
... वे उनका ' केरीकेचर ' देते हैं जो समाजवाद का आवरण तो पहने रहते हैं किन्तु अन्तर में महास्वार्थी हैं । ' प्रेम संगीत ' में वे एक ...
... वे उनका ' केरीकेचर ' देते हैं जो समाजवाद का आवरण तो पहने रहते हैं किन्तु अन्तर में महास्वार्थी हैं । ' प्रेम संगीत ' में वे एक ...
Συχνά εμφανιζόμενοι όροι και φράσεις
अंग्रेजी अतिरिक्त अथवा अधिक अनेक अपनी अपने इन इस इस प्रकार इसके इसी ईश्वर उनकी उनके उन्होंने उसकी उसके उसे एवं और कर करता करते हैं कवि कविता में कवियों का कारण कार्य काल काव्य की काव्य में किन्तु किया किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के लिये केवल को गया गये छन्द जयशंकर प्रसाद जाता जीवन जो तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दो दोनों द्वारा द्विवेदी द्विवेदी युग धर्म नवीन नहीं नारी निराला ने पन्त पर पाश्चात्य पृ० प्रकृति प्रतीत प्रभाव प्रयोग प्रवृत्ति प्रसाद प्रिय प्रेम बहुत भारत भारत में भारतीय भारतेन्दु भाषा भी में भी यह युग रहस्यवादी रहा रोमांटिक वर्णन वह विकास विचार विषय वे श्रादि श्रीधर पाठक संस्कृति सब समय समस्त समाज सुमित्रानन्दन पन्त से हम हमें हिन्दी कविता हिन्दी काव्य हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो होता है होने