Hindī kāvya para Āṅgla prabhāvaPadmajā Prakāśana, 1954 - 301 σελίδες |
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Σελίδα 6
... समय की ऐति- हासिक पृष्ठभूमि पर एक दृष्टि डालें । श्रतएव सबसे पहिले यहाँ हम इस समय की राजनीतिक , सामाजिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों ...
... समय की ऐति- हासिक पृष्ठभूमि पर एक दृष्टि डालें । श्रतएव सबसे पहिले यहाँ हम इस समय की राजनीतिक , सामाजिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों ...
Σελίδα 87
... समय की ' सरस्वती ' का ही इतिहास है । मैथिलीशरण गुप्त , सियारामशरण गुप्त , रामचरित उपाध्याय , कामताप्रसाद गुरु गयाप्रसाद शुक्ल ' सनेही ...
... समय की ' सरस्वती ' का ही इतिहास है । मैथिलीशरण गुप्त , सियारामशरण गुप्त , रामचरित उपाध्याय , कामताप्रसाद गुरु गयाप्रसाद शुक्ल ' सनेही ...
Σελίδα 88
Ravīndra Sahāya Varmā. i विषय में ' सरस्वती ' में समय - समय पर लेख प्रकाशित किये जाने लगे । इस प्रकार हिन्दी भाषा - भाषी प्रदेश का युग की प्रमुख ...
Ravīndra Sahāya Varmā. i विषय में ' सरस्वती ' में समय - समय पर लेख प्रकाशित किये जाने लगे । इस प्रकार हिन्दी भाषा - भाषी प्रदेश का युग की प्रमुख ...
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अंग्रेजी अतिरिक्त अथवा अधिक अनेक अपनी अपने इन इस इस प्रकार इसके इसी ईश्वर उनकी उनके उन्होंने उसकी उसके उसे एवं और कर करता करते हैं कवि कविता में कवियों का कारण कार्य काल काव्य की काव्य में किन्तु किया किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के लिये केवल को गया गये छन्द जयशंकर प्रसाद जाता जीवन जो तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दो दोनों द्वारा द्विवेदी द्विवेदी युग धर्म नवीन नहीं नारी निराला ने पन्त पर पाश्चात्य पृ० प्रकृति प्रतीत प्रभाव प्रयोग प्रवृत्ति प्रसाद प्रिय प्रेम बहुत भारत भारत में भारतीय भारतेन्दु भाषा भी में भी यह युग रहस्यवादी रहा रोमांटिक वर्णन वह विकास विचार विषय वे श्रादि श्रीधर पाठक संस्कृति सब समय समस्त समाज सुमित्रानन्दन पन्त से हम हमें हिन्दी कविता हिन्दी काव्य हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो होता है होने