Hindī kāvya para Āṅgla prabhāvaPadmajā Prakāśana, 1954 - 301 σελίδες |
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Σελίδα 27
... से भारतीय विद्वानों के । हाथ में एक शक्तिशाली स्त्र के रूप में रहा है जिसकी सहायता से वे भारत के साहित्यिक क्षेत्र में युगान्तर ...
... से भारतीय विद्वानों के । हाथ में एक शक्तिशाली स्त्र के रूप में रहा है जिसकी सहायता से वे भारत के साहित्यिक क्षेत्र में युगान्तर ...
Σελίδα 90
... से कवि की कृतियों से उदाहरण भी दिये गये हैं । स्वतंत्रता के प्रति प्रेम की भावना पर विशेष जोर दिया गया है इस प्रवृत्ति को ...
... से कवि की कृतियों से उदाहरण भी दिये गये हैं । स्वतंत्रता के प्रति प्रेम की भावना पर विशेष जोर दिया गया है इस प्रवृत्ति को ...
Σελίδα 224
Ravīndra Sahāya Varmā. से परिचित है । प्रेमचन्द तो गोर्की से इतने प्रभावित थे कि गोर्की की मृत्यु की घटना ने उन्हें प्रत्यधिक उद्विग्न कर ...
Ravīndra Sahāya Varmā. से परिचित है । प्रेमचन्द तो गोर्की से इतने प्रभावित थे कि गोर्की की मृत्यु की घटना ने उन्हें प्रत्यधिक उद्विग्न कर ...
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अंग्रेजी अतिरिक्त अथवा अधिक अनेक अपनी अपने इन इस इस प्रकार इसके इसी ईश्वर उनकी उनके उन्होंने उसकी उसके उसे एवं और कर करता करते हैं कवि कविता में कवियों का कारण कार्य काल काव्य की काव्य में किन्तु किया किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के लिये केवल को गया गये छन्द जयशंकर प्रसाद जाता जीवन जो तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दो दोनों द्वारा द्विवेदी द्विवेदी युग धर्म नवीन नहीं नारी निराला ने पन्त पर पाश्चात्य पृ० प्रकृति प्रतीत प्रभाव प्रयोग प्रवृत्ति प्रसाद प्रिय प्रेम बहुत भारत भारत में भारतीय भारतेन्दु भाषा भी में भी यह युग रहस्यवादी रहा रोमांटिक वर्णन वह विकास विचार विषय वे श्रादि श्रीधर पाठक संस्कृति सब समय समस्त समाज सुमित्रानन्दन पन्त से हम हमें हिन्दी कविता हिन्दी काव्य हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो होता है होने