Hindī kāvya para Āṅgla prabhāvaPadmajā Prakāśana, 1954 - 301 σελίδες |
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Ravīndra Sahāya Varmā. f प्राक्कथन प्रस्तुत ग्रन्थ में हिन्दी कविता पर प्रांग्ल प्रभाव के अध्ययन का प्रयास किया गया है ... हिन्दी कविता पर.
Ravīndra Sahāya Varmā. f प्राक्कथन प्रस्तुत ग्रन्थ में हिन्दी कविता पर प्रांग्ल प्रभाव के अध्ययन का प्रयास किया गया है ... हिन्दी कविता पर.
Σελίδα 81
... हिन्दी में शोकगीतों का प्रारंभ ग्रे को ... कविता होती थी , किन्तु अपने श्राधुनिक रूप ... हिन्दी में संबोधन - गीति का प्रयोग हिन्दी ...
... हिन्दी में शोकगीतों का प्रारंभ ग्रे को ... कविता होती थी , किन्तु अपने श्राधुनिक रूप ... हिन्दी में संबोधन - गीति का प्रयोग हिन्दी ...
Σελίδα 85
... हिन्दी काव्य की इस नई गतिविधि इन नये विषयों के परिणामस्वरूप हिन्दी कविता जन - जीवन के अधिक समीप श्राती गईं और उसमें जनवादी तत्वों ...
... हिन्दी काव्य की इस नई गतिविधि इन नये विषयों के परिणामस्वरूप हिन्दी कविता जन - जीवन के अधिक समीप श्राती गईं और उसमें जनवादी तत्वों ...
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अंग्रेजी अतिरिक्त अथवा अधिक अनेक अपनी अपने इन इस इस प्रकार इसके इसी ईश्वर उनकी उनके उन्होंने उसकी उसके उसे एवं और कर करता करते हैं कवि कविता में कवियों का कारण कार्य काल काव्य की काव्य में किन्तु किया किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के लिये केवल को गया गये छन्द जयशंकर प्रसाद जाता जीवन जो तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दो दोनों द्वारा द्विवेदी द्विवेदी युग धर्म नवीन नहीं नारी निराला ने पन्त पर पाश्चात्य पृ० प्रकृति प्रतीत प्रभाव प्रयोग प्रवृत्ति प्रसाद प्रिय प्रेम बहुत भारत भारत में भारतीय भारतेन्दु भाषा भी में भी यह युग रहस्यवादी रहा रोमांटिक वर्णन वह विकास विचार विषय वे श्रादि श्रीधर पाठक संस्कृति सब समय समस्त समाज सुमित्रानन्दन पन्त से हम हमें हिन्दी कविता हिन्दी काव्य हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए है और है कि हैं हो होता है होने