Sumitrānandana Panta aura unakā Ādhunika kavi: Ālocanā evaṃ vyākhyāPrabhāta Prakāśana, 1960 - 248 σελίδες |
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Αποτελέσματα 1 - 3 από τα 88.
Σελίδα 159
... उसी स्नेह से सम्बद्ध है । जिस प्रकार वीणा के तारों में झंकार छिपी रहती है उसी प्रकार मानव के जीवन में स्नेह की भावना छिपी रहती है ...
... उसी स्नेह से सम्बद्ध है । जिस प्रकार वीणा के तारों में झंकार छिपी रहती है उसी प्रकार मानव के जीवन में स्नेह की भावना छिपी रहती है ...
Σελίδα 171
... प्रकार वर्षा ऋतु में पक्षीगण चहचहाते हैं उसी प्रकार ऐसे विषाद के समय मेरे हृदय के अन्तर्गत अनेक मधुर भावनाएँ उदित होती हैं । वर्षा ...
... प्रकार वर्षा ऋतु में पक्षीगण चहचहाते हैं उसी प्रकार ऐसे विषाद के समय मेरे हृदय के अन्तर्गत अनेक मधुर भावनाएँ उदित होती हैं । वर्षा ...
Σελίδα 219
... प्रकार से इस जल का उद्गम किसी मूल स्रोत से है उसी प्रकार मानव जीवन का उद्गम भी मूल शक्ति से ही है । ) इस जीवन की गति भी जल की गति के ...
... प्रकार से इस जल का उद्गम किसी मूल स्रोत से है उसी प्रकार मानव जीवन का उद्गम भी मूल शक्ति से ही है । ) इस जीवन की गति भी जल की गति के ...
Συχνά εμφανιζόμενοι όροι και φράσεις
अधिक अपनी अपने अब अलंकार आकाश आज आदि इस प्रकार इसी उस उसका उसके उसी प्रकार उसे एक एवं कभी कर करता है करती करते करने कल्पना कवि कवि ने कविता का काव्य किया है की कुछ के कारण के प्रति के रूप में के लिए के समान केवल को कोमल गंगा गई गया है चित्रण चेतना छन्द छायावाद जब जल जाता है जाती जाते जिस प्रकार जीवन की जो तथा तुम तुम्हारे तो था थी थे दर्शन दिया दृष्टि देती है दोनों नहीं नारी ने पन्त जी पर परन्तु परिवर्तन पल्लव पृथिवी प्रकृति प्रस्तुत प्रेम बालिका भावना भी मधुर मन मानव मानो मेरे मैं यह यहाँ युग रहस्यवाद रहा है रही रहे वर्षा ऋतु वह विकास विश्व वीणा वे शब्द श्लेष संसार समस्त सुन्दर से सौंदर्य स्नेह हम ही हुआ हुई हुए हृदय हे है और है कि हैं हो होकर होता है होती होते