Sumitrānandana Panta aura unakā Ādhunika kavi: Ālocanā evaṃ vyākhyāPrabhāta Prakāśana, 1960 - 248 σελίδες |
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Αποτελέσματα 1 - 3 από τα 81.
Σελίδα 36
... करने का प्रयत्न करने लगे । मजदूर और पूँजीपतियों में समझौता करने लगे । युग की परिस्थितियों से प्रभावित होकर उपयोगिता वाद को ...
... करने का प्रयत्न करने लगे । मजदूर और पूँजीपतियों में समझौता करने लगे । युग की परिस्थितियों से प्रभावित होकर उपयोगिता वाद को ...
Σελίδα 63
... करने का प्रयत्न किया है- नव - मानवता को निःसंशय होना रे अब अन्तः केन्द्रित जन - भू - स्वर्ग नहीं युग संभव , बाह्य साधनों पर अवलम्वित ...
... करने का प्रयत्न किया है- नव - मानवता को निःसंशय होना रे अब अन्तः केन्द्रित जन - भू - स्वर्ग नहीं युग संभव , बाह्य साधनों पर अवलम्वित ...
Σελίδα 64
... करने आदि की डींग ज्यादा हाँकता है । " यह बात पन्त जी पर पूर्णतः ... करने , ज्योतिसिन्धु में अवगाहन करने , मानवता को परम ज्ञान में ...
... करने आदि की डींग ज्यादा हाँकता है । " यह बात पन्त जी पर पूर्णतः ... करने , ज्योतिसिन्धु में अवगाहन करने , मानवता को परम ज्ञान में ...
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अधिक अपनी अपने अब अलंकार आकाश आज आदि इस प्रकार इसी उस उसका उसके उसी प्रकार उसे एक एवं कभी कर करता है करती करते करने कल्पना कवि कवि ने कविता का काव्य किया है की कुछ के कारण के प्रति के रूप में के लिए के समान केवल को कोमल गंगा गई गया है चित्रण चेतना छन्द छायावाद जब जल जाता है जाती जाते जिस प्रकार जीवन की जो तथा तुम तुम्हारे तो था थी थे दर्शन दिया दृष्टि देती है दोनों नहीं नारी ने पन्त जी पर परन्तु परिवर्तन पल्लव पृथिवी प्रकृति प्रस्तुत प्रेम बालिका भावना भी मधुर मन मानव मानो मेरे मैं यह यहाँ युग रहस्यवाद रहा है रही रहे वर्षा ऋतु वह विकास विश्व वीणा वे शब्द श्लेष संसार समस्त सुन्दर से सौंदर्य स्नेह हम ही हुआ हुई हुए हृदय हे है और है कि हैं हो होकर होता है होती होते